,
पूजा हेगड़े
,
वेंकटेश
,
जगपति बाबू
,
भाग्यश्री
,
भूमिका चावला
,
राघव जुयाल
,
शहनाज गिल
,
तेज सप्रू
,
आसिफ शेख
और
सतीश कौशिक
,
स्पर्श खेत्रपाल
और
ताशा भाम्बरा
सनातन धर्म चर्चा में अक्सर इस बात का जिक्र आता है कि गीता का पहला और आखिरी श्लोक भी अगर कंठस्थ कर लिया जाए तो मनुष्य को निष्कपट, निर्गुण और निरपेक्ष रहने की सीख मिल जाती है। गीता का पहला श्लोक है, ‘धर्मक्षेत्रे कुरुक्षेत्रे समवेता युयुत्सवः। मामकाः पाण्डवाश्चैव किमकुर्वत संजय।’ इस पहले श्लोक में ही संघर्ष की पहली गलती बताई गई है और वह है अपने और पराये का भेद करना। फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ में सलमान खान इसी श्लोक का परदे पर जिस तरह उच्चारण करते दिखते हैं, उसे देख हिंदी सिनेमा की दशा और दिशा दोनों पर तरस आता है। ये दृश्य उनके किरदार भाईजान के गीता ज्ञान का है। और, भाईजान कितने निष्कपट होकर अपनी फिल्मों में लोगों को मौका देते हैं, ये उनके तीनों भाइयों और घर की होने वाली तीनों बहुओं के चेहरे मोहरे देखकर बताया जा सकता है। भाईजान फिल्म ‘भारत’ के बाद ये भी बताने की कोशिश करते हैं कि इंसानियत धर्म, जाति और वर्ण के भेद से ऊपर है। और, फिल्म खत्म होते समय जिस तरह वह साईं बाबा की तर्ज पर ‘सबका मालिक एक’ वाला पोज बनाते हैं, जेब में पड़ी सारी रेजगारी वहीं लुटा देने का मन करने लगता है।

– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई

– फोटो : अमर उजाला ब्यूरो, मुंबई

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